संसार के कुरुक्षेत्र में धर्म पताका लहराती है, आत्मविश्वास से I संसार के कुरुक्षेत्र में धर्म पताका लहराती है, आत्मविश्वास से I
एक प्राचीन प्रथा, एक स्त्री की व्यथा बहुत पहले हमारे राजस्थान की कथा। एक प्राचीन प्रथा, एक स्त्री की व्यथा बहुत पहले हमारे राजस्थान की कथा।
जल छू के लो प्रण, बुन डालो मधुर तरंगिनि। जल छू के लो प्रण, बुन डालो मधुर तरंगिनि।
सच की माला जपने वाले इस जग के सारे जोगी झूठे थे! सच की माला जपने वाले इस जग के सारे जोगी झूठे थे!
खुद को गुलामी के पिंजरे से आज़ाद करते हैं, चल खुद पर कुछ विश्वास करते हैं। खुद को गुलामी के पिंजरे से आज़ाद करते हैं, चल खुद पर कुछ विश्वास करते हैं।
हर शस्त्र मेरा तीव्र ,तीक्ष्ण जिसका प्रमाण ये संसार! हर शस्त्र मेरा तीव्र ,तीक्ष्ण जिसका प्रमाण ये संसार!